Chhath Puja 2024 : कब मनाई जाएगी छठ पूजा, क्या है छठ महापर्व की महत्व, आइए जानते है सबकुछ

Chhath Puja 2024 : लोक आस्था के सबसे बड़ा पर्व छठ महापर्व बिहार और पूर्वांचल के द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा पर्व है। पहले की छठ पूजा और आज की छठ पूजा मे काफी अंतर आया है पहले बिहार के लोग और बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के लोग ही इस पर्व को धूम धाम से मनाते थे लेकिन अब ये पर्व लगभग देश के हर बड़े शहरों और अब तो विदेशों मे भी जहा बिहारी लोग है हर जगह पर ये पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है।

यह सनातन का एकलौता ऐसा पर्व है जिसमे लोग सूर्य देव भगवान की उगते और डूबते दोनों रूप की पूजा करते है इसमे पहले डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य और बाद मे उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद ही ये छठ महापर्व की समापती होती है।

Chhath Puja 2024
Chhath Puja 2024                                                                    Credit – Social Media

इस पर्व की महानता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जाता है की बिहार के कई स्थानों पे ये पर्व कुछ मुस्लिम परिवार भी रखते है। ऐसा पिछले कई सालों से देखा जा रहा है।

छठ महापर्व शादी शुदा औरतों के साथ पुरुष भी इस पर्व को बड़ी धूम धाम से करते है। कई पुरुष तो ये पर्व अपनी पत्नियों के साथ ही रखते है और साथ मे ही पूजा करते है।

ये भी पढे –  Ratan Tata Life Partner 

Chhath Puja 2024 Date :

इस साल का छठ महापर्व 5 नवंबर 2024 को नहाय- खाय से प्रारंभ होगा और 8 नवंबर को सूर्य देव को अर्घ्य देने के पश्चात इसका समापन होगा।

  • छठ पूजा का पहला दिन – 5 नवंबर 2024 नहाय-खाय
  • छठ पूजा का दूसरा दिन – 6 नवंबर 2024 खरना
  • छठ पूजा का तीसरा दिन – 7 नवंबर 2024 संध्या अर्घ्य
  • छठ पूजा का चौथा दिन   – 8 नवंबर 2024 प्रातः कालीन अर्घ्य
नहाय-खाय (5 नवंबर 2024) :

नहाय-खाय के दिन से ही छठ पूजा का प्रारंभ हो जाता है नहाय-खाय के दिन घर की साफ सफाई अच्छे ढंग से कर ली जाती है। ना खाये के दिन लौकी और चना की सब्जी का सेवन किया जाता है। शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है। और उसके अगले दिन खरना के दिन से छठ का प्रारंभ हो जाता है।

खरना (6 नवंबर 2024) :

खरना के दिन व्रत करने वाली महिलाएं और जो पुरुष हैं वो इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर रात्रि में गुड की खीर बनाते है, रोटी बनाते हैं। केला और फल वगैरह के साथ माता छठी रानी को प्रणाम करते सूर्यदेव की आराधना करके  प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसके पश्चात् अगले दिन से निर्जला व्रत प्रारंभ करते हैं।

संध्या अर्घ्य (7 नवंबर 2024) : 

छठ के तीसरे दिन छठ करने वाली महिलाएं सुबह से ही मिट्टी के चूल्हे पर शुद्ध सात्विक तरीके से घर में ठेकुआ खजूर खुद पकाती है। गीत वगैरह गाती है। शाम को नदी या तालाब में या कुछ महिलाएं इस व्रत को अपने घर पे करती है तो अपने छतों पर पानी की व्यवस्था करती है और शाम को सूर्य अस्त होने से पहले पानी में खड़े होकर पश्चिम की दिशा में भगवान सूर्य को नमन करते हुए अर्घ्य प्रदान करती है।

प्रातः कालीन अर्घ्य (8 नवंबर 2024) : 

छठ पूजा के चौथे दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही  इस पूजा का समापन किया जाता है। इस दिन महिलाएं प्रातः कालीन सूर्य उगने से बहुत पहले ही उठ जाती है। घाटों पर चली जाती है। छठी माता की गीत गाती है, गुनगुनाती है। सूर्य उदय होने से कुछ देर पहले ही। नदी, तालाब या घर पर जल मे खड़ी होकर पूरब दिशा में भगवान सूर्य को नमन करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करती है। इस के साथ ही इस छठ पूजा के चौथे दिन इस छठ महापर्व का समापन होता है। इसके पश्चात ही महिलाएं या पुरुष जो इस व्रत को किये हुए रहते हैं। इसके बाद ही वो छठ पूजा के प्रसाद के साथ ही इस व्रत को तोड़ते हैं और अन्न ग्रहण और जल ग्रहण करते है।

Chhath Puja 2024 Prashad :

Chhath Puja 2024
Chhath Puja 2024

छठ पूजा में उपयोग होने वाले प्रसाद की बात करें तो यह सबसे सात्विक और शुद्ध तरीके से घर पे ही बनाया जाता है। छठ पूजा का अगर प्रमुख प्रसाद की बात करें तो ये मिट्टी के चूल्हे पे बनाया हुआ ठेकुआ होता है खस्ता होता है मालपुआ होता है ओर हर उस प्रकार का फल होता है जो उस समय बाजार में पाया जाता है वो हर फल छठ पर्व को चढ़ता है। इसके साथ ही बेसन का लड्डू, बूंदी का लड्डू ये सब भी प्रशाद के रूप में छठ में चढ़ाया जाता है।

Chhath Puja का महत्व :

छठ महापर्व का व्रत एक ऐसा व्रत है जिसको पूरे परिवार के साथ मिलकर प्रेम विश्वास और निष्ठा के साथ मनाया जाता है। जिसमें परिवार के सभी लोग मिलकर छठ पूजा धूम धाम से मनाते है, जिससे परिवार में प्रेम बढ़ता है। इस पूजा में  भगवान सूर्यदेव को नमस्कार करते हैं। माता छठी मैया को प्रणाम करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। माता छठी मैया को संतान प्राप्ति की देवी माना जाता है और सूर्यदेव को रोगों, धन संपदा, सुख शान्ति का देवता  माना जाता है। इस पूजा से लोग अपनी मनोकामना छठी मैया के सामने रखते हैं। सूर्य भगवान के सामने रखते हैं।  वो पूरा होने वाला होता है या पूरा होने से पहले ही लोग इस व्रत को प्रारंभ करते हैं। और अपनी जब मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो लोग खूब धूम धाम से परिवारजनों के साथ मिलकर इस पर्व को बनाते हैं। और भगवान सूर्य का धन्यवाद देते है।

Chhath Puja 2024 Song : 

Pawan Singh Chhath Puja Song

Anuradha Paudwal Chhath Puja Song

Khesari Lal Yadav Chhath Puja Song

Akshara Singh Chhath Puja Song

1 thought on “Chhath Puja 2024 : कब मनाई जाएगी छठ पूजा, क्या है छठ महापर्व की महत्व, आइए जानते है सबकुछ”

  1. I do believe all the ideas youve presented for your post They are really convincing and will certainly work Nonetheless the posts are too short for novices May just you please lengthen them a little from subsequent time Thanks for the post

    Reply

Leave a Comment